आज का शब्द उद्भ्रांत अज्ञेय सर्वश्रेष्ठ कविता आज थका हिया हारिल मेरा – अमर उजाला काव्य
266 Views ‘हिंदी हैं हम’ शब्द शृंखला में आज का शब्द है- उद्भ्रांत, जिसका अर्थ है- घूमता या चक्कर खाता हुआ, भूला-भटका हुआ, उन्मत्त, पागल। प्रस्तुत है अज्ञेय की कविता- आज थका हिय-हारिल मेरा! इस सूखी दुनिया में प्रियतम मुझको और कहाँ रस होगा? शुभे! तुम्हारी स्मृति के सुख से प्लावित मेरा मानस होगा! दृढ़…